
सेड निर्माण से आवाजाही में खतरा तो बरसात का पानी निजी भूमियों में होगा जमा
ऐसे ही मामले में सारंगढ़ नगर पालिका को ब्लॉक कॉलोनी में नए सीसी रोड को पड़ा था उखाड़ना
सारंगढ़ में निजी भूमि के हवाले उखड़ गए सीसी रोड फिर सरिया में अलग कानून कैसा
मुखदर्शक रह गया सारंगढ़ नपा शासन को लाखों का हुआ था नुकसान
जिला प्रशासन ने जांच की उक्त निर्माण स्थल निकला निजी भूमि
महासमुंद से आए सीएमओ और महासमुंद के ठेकेदार को मिला ठेका
जबरन निर्माण का मामला मीडिया में बटोर रहा सुर्खियां, पत्रकार संघ ने किया मेरी मर्जी का विरोध
सारंगढ़ न्यूज़/ सरिया नगर पंचायत अपने मनमर्जी और लापरवाही पूर्ण कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियां बटोरता रहा है। अब तो सरिया में अधिकारी राज हावी हो चुका है जिसका साफ उदाहरण सरिया नगर पंचायत में निजी जमीन में सीसी रोड के ऊपर छत नूमा सेड निर्माण किया जा रहा है शायद सीसी रोड के ऊपर सेड निर्माण जिले में इकलौता ऐसा निर्माण कार्य है, जिसे लेकर निजी भूमि के मालिक ने आपत्ति भी दर्ज की मगर भाजपा की सरकार में अधिकारी राज हावी नजर आ रहा है।
गौरतलब हो की ऐसे ही मामले में सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में ब्लॉक ऑफिस के पीछे गधाभाटा वार्ड जाने के लिए ऐसा ही सीसी रोड का निर्माण कराया गया। जिसे महल परिवार ने निजी भूमि कहते हुए रातों-रात उखाड़ फेंका, नगर पालिका मुक्त दर्शक बना रहा वहीं शासन के लाखों रुपए के निर्माण कार्य की धज्जियां उड़ गई ठीक वैसे ही गलती अब सरिया नगर पंचायत के द्वारा खुले आम की जा रही है। नीजी भूमि जमीन में सीसी रोड निर्माण के ऊपर सेड निर्माण किया जा रहा है और वह सेड निर्माण पूरे सीसी रोड को ऊपर से ढक रहा है भविष्य में ना तो कोई बड़े वाहन का आवागमन हो पाएगा और आए दिन लोहे के दर्जनों पाइपों से दुर्घटना की स्थिति बनी रहेगी। नगर पंचायत सरिया द्वारा आनन फानन में टेंडर निकालकर बिना समय गवाएं सेड निर्माण किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त सूत्रों के अनुसार सरिया नगर पंचायत निवासी कैलाश अग्रवाल रोमी अग्रवाल पिता ओमप्रकाश अग्रवाल ने जिला प्रशासन को लिखित शिकायत दर्ज कर उनकी निजी भूमि स्वामी हक की भूमि ग्राम सरिया पहन 18 रानिम सरिया जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में खसरा नंबर 853/7 रकबा 0.04 9 हे. एवं खसरा नंबर 853/2 रकबा 0. 101 है, भूमि राजस्व अभिलेख में अंकित है। जिस पर शांतिपूर्वक आवेदक लोगों का लंबे समय से कब्जा चल रहा है। उक्त निजी भूमि पर नगर पंचायत सरिया द्वारा जबरन और अवैध तरीके से रोड के ऊपर सेड निर्माण का कार्य कराया जा रहा है और उनकी जमीन को कब्जा करने की नीयत से निर्माण कार्य प्रारंभ है साथ ही जान बूझकर पिलहर को ऐसा बनाया जा रहा है जिससे बड़ी गाड़ियों के आवागमन बाधित हो, निजी भूमि होने की वजह काम को बंद करने के लिए सीएमओ को अवगत कराया गया, जिसमें सीएमओ नगर पंचायत सरिया ने उन्हें घोषित अवकाश का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया और मैं कोई कार्रवाही नहीं कर सकता कहा।
*शिकायत के बाद जिला प्रशासन की पहल से काम हुआ बंद* – उक्त संबंध में जिला प्रशासन से आवेदक ने शिकायत दर्ज कराई जिसमें उक्त विषयों पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने पूर्व हो रहे निर्माण को बंद करने का आदेश दिया और जांच करवाया। उक्त जांच में भी यही पाया गया की उक्त निर्माण में कुछ हिस्सा भी निजी भूमि में है और लगे पिल्हारों में लगभग 6 पिलर भी निजी भूमि में आते हैं। इसके आगे और भी जांच चल रहा है। इन सब पर सबसे बड़ा सवाल यह उठना है कि क्या नगर पंचायत सरिया किसी निजी भूमि पर निर्माण कार्य कर सकता है?
उक्त सरिया का मामला और उससे मिलता जुलता सारंगढ़ नगर पालिका का मामला भविष्य में शासन के लाखों रुपए के निर्माण कार्य को बट्टा लगाने जैसा है क्योंकि निर्माण कार्य भी शासकीय स्थलों पर जो निर्विवाद होते हैं वहां कराए जाते हैं। सूत्रों की माने तो वर्तमान सीएमओ साहब महासमुंद से तबादला होकर सरिया नगर पंचायत और महासमुंद के ठेकेदार को ही यह ठेका मिला है जिसे लेकर कई प्रकार के सवाल भी उठ रहे हैं। उक्त मामले को लेकर जहां मीडिया और पत्रकार संघ अधिकारी के मेरी मर्जी के कार्य का विरोध कर रही है उसे पर संज्ञान ले रहे अधिकारी की जांच और फैसले को लेकर सब सभी टकटकी बांधे हुए हैं।